Monday, January 22, 2018

THOUGHTS OF EMINENT PERSONALITIES

 गज़ब का संदेश 

किसी समय दुनिया के सबसे धनवान व्यक्ति बिल गेट्स से किसी न पूछा - 'क्या इस धरती पर आपसे भी अमीर कोई है ?
बिल गेट्स ने जवाब दिया - हां, एक व्यक्ति इस दुनिया में मुझसे भी अमीर है.
कौन ---!!!!!
बिल गेट्स ने बताया -
एक समय में जब मेरी प्रसिद्धि और  अमीरी के दिन नहीं थे, न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर था.. वहां सुबह सुबह अखबार देख कर, मैंने एक अखबार खरीदना चाहा,पर मेरे पास खुदरा पैसे नहीं थे.. सो, मैंने अखबार लेने का विचार त्याग कर उसे वापस रख दिया.. अखबार बेचने वाले काले लड़के ने मुझे देखा, तो मैंने खुदरा पैसे/सिक्के न होने की बात कही.. लड़के ने अखबार देते हुए कहा - यह मैं आपको मुफ्त में देता हूँ.. बात आई-गई हो गई.. कोई तीन माह बाद संयोगवश उसी एयरपोर्ट पर मैं फिर उतरा और अखबार के लिए फिर मेरे पास सिक्के नहीं थे. उस लड़के ने मुझे फिर से अखबार दिया, तो मैंने मना कर दिया. मैं ये नहीं ले सकता.. उस लड़के ने कहा, आप इसे ले सकते हैं,मैं इसे अपने प्रॉफिट के हिस्से से दे रहा हूँ.. मुझे नुकसान नहीं होगा. मैंने अखबार ले लिया......
19 साल बाद अपने प्रसिद्ध हो जाने के बाद एक दिन मुझे उस लड़के की याद आयी और मैन उसे ढूंढना शुरू किया. कोई डेढ़ महीने खोजने के बाद आखिरकार वह मिल गया. मैंने पूछा - क्या तुम मुझे पहचानते हो ?
लड़का - हां, आप मि. बिल गेट्स हैं.
गेट्स - तुम्हे याद है, कभी तुमने मुझे फ्री में अखबार दिए थे ?
लड़का - जी हां, बिल्कुल.. ऐसा दो बार हुआ था..
गेट्स- मैं तुम्हारे उस किये हुए की कीमत अदा करना चाहता हूँ.. तुम अपनी जिंदगी में जो कुछ चाहते हो, बताओ, मैं तुम्हारी हर जरूरत पूरी करूंगा..
लड़का - सर, लेकिन क्या आप को नहीं लगता कि, ऐसा कर के आप मेरे काम की कीमत अदा नहीं कर पाएंगे..
गेट्स - क्यूं ..!!!
लड़का - मैंने जब आपकी मदद की थी, मैं एक गरीब लड़का था, जो अखबार बेचता था..
आप मेरी मदद तब कर रहे हैं, जब आप इस दुनिया के सबसे अमीर और सामर्थ्य वाले व्यक्ति हैं.. फिर, आप मेरी मदद की बराबरी कैसे करेंगे...!!! 😊😊
बिल गेट्स की नजर में, वह व्यक्ति दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति से भी अमीर था, क्योंकि-----
"किसी की मदद करने के लिए, उसने अमीर होने का इंतजार नहीं किया था "....
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अपने मन में उठ रहे शोर को देखो| वह किस बारे में है?
धन?
यश?
सम्मान? 
तृप्ति?
सम्बन्ध?

शोर किसी विषय को लेकर होता है, मौन का कोई विषय नहीं है|
 शोर ऊपरी सतह है, मौन आधार है| - श्री श्री रवि शंकर🙏🌹

SEWA

Service is an expression of love. Serve in whatever possible ways you can. A tree is so useful. It gives oxygen, shade and wood for furniture and fuel. Even when a tree is dead, it continues to be useful. Similarly, we should ask how we could be useful to people around us and the whole world. Then our hearts start blossoming and a completely new life begins. Otherwise, we would always be engulfed in ourselves, worried only about our  
well-being, which is such a waste of time!
In another fifty years, we may not be here, but while we are around, let's do the best we can. And the best gift is the gift of knowledge. One may give this or that, but nothing lasts as long as the knowledge of uplifting one's mind. 
Happiness is about knowing the eternal nature of life and a true gift is nothing but sharing this knowledge with everybody around us.

Jai Gurudev.

Be a student, always

Know that you are a student forever. Do not underestimate anybody. Knowledge may come to you from any corner. Remember the ancient saying " let Knowledge flow to me from all sides".
Each occasion teaches you and each person teaches you. The world is your teacher. When you are always looking to learn, you will stop underestimating others. Humility will dawn in your life.


Jai Gurudev.

😊😊😊😊😊

PRAYER

Prayer depends on the one who prays. It doesn't matter to whom you pray. You are more than enough for a prayer to happen.


Jai Gurudev.
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साधारणत: हम एक मिनट में 
कोई सोलह से लेकर बीस श्वास लेते हैं। 
धीरे— धीरे— धीरे— धीरे झेन 
फकीर अपनी श्वास को शांत करता जाता है। 
श्वास इतनी शांत और धीमी हो जाती है 
कि एक मिनट में पांच.. .चार—पांच श्वास लेता। 
बस, उसी जगह ध्यान शुरू हो जाता।

श्वास धीमी हुई, वहां 
विचार धीमे हो जाते हैं। 
वे एक साथ जुड़े हैं। 

इसलिए तो जब 
तुम्हारे भीतर विचारों का 
बहुत आंदोलन चलता है 
तो श्वास ऊबड़— खाबड़ हो जाती है। 

जब तुम पागल होने लगते हो 
तो श्वास भी पागल होने लगती है। 
जब तुम वासना से भरते हो तो 
श्वास भी आंदोलित हो जाती है। 
जब तुम क्रोध से भरते हो 
तो श्वास भी उद्विग्न हो जाती है, 
उच्छृंखल हो जाती है। 
उसका सुर टूट जाता है।, 
संगीत छिन्न—भिन्न हो जाता है, 
छंद नष्ट हो जाता है। 
उसकी लय खो जाती है।

झेन फकीर श्वास पर बड़ा ध्यान देते हैं। 
ऐसी घड़ी आती ध्यान में, 
जब श्वास बिलकुल रुक गई जैसी हो जाती है। 

जब तुम शांत होते हो 
तो तुम्हारा शरीर भी एक 
अपूर्व शांति में डूबा होता है। 
तुम्हारे रोएं—रोएं में शांति 
की झलक होती है। 

तुम्हारे चलने में भी तुम्हारा ध्यान प्रकट होता है। 
तुम्हारे बैठने में भी तुम्हारा ध्यान प्रकट होता है। 
तुम्हारे बोलने में, तुम्हारे सुनने में।

ध्यान कोई ऐसी बात थोड़े ही है 
कि एक घड़ी बैठ गए और कर लिया। 
ध्यान तो कुछ ऐसी बात है 
कि जो तुम्हारे चौबीस घंटे के 
जीवन पर फैल जाता है। 
जीवन तो एक अखंड धारा है। 
घड़ी भर ध्यान और तेईस घड़ी ध्यान नहीं, 
तो ध्यान होगा ही नहीं। 
ध्‍यान जब फैल जाएगा तुम्हारे 
चौबीस घंटे की जीवन धारा पर…। 

ध्यानी को तुम सोते भी देखोगे तो फर्क पओगे। 
उसकी निद्रा में भी एक परम शांति है I


            Osho अष्‍टावक्र: महागीता (भाग–5) प्रवचन–73

[08:37, 1/26/2018] +91 83493 17231: मृत्यु जीवन का अंत नहीं है

"मेरे सन्यासी मृत्यु का भी उत्सव मनाते हैं, क्योंकि मेरे लिए मृत्यु जीवन का अंत नहीं है, बल्कि वह तो जीवन का उत्थान है, एक परम शिखर है। वह जीवन का चरम है। यदि तुमने जीवन को ठीक से जिया है, यदि तुमने एक क्षण से दूसरे क्षण को उसकी पूर्णता में जिया है, यदि तुमने जीवन का सारा रस निचोड़ लिया है, तुम्हारी मृत्यु एक परम सुख होगी।

"मृत्यु जो सुख लाती है उसकी तुलना में संभोग का सुख कुछ भी नहीं है, परन्तु वह उसी व्यक्ति को मिलता है जिसे पूर्ण होने की कला आती है। मृत्यु जो सुख लाती है उसकी तुलना में संभोग का सुख फीका है।"
Osho,  Come, Come, Yet Again Come, Talk #2 

सभी मृत्यु से भयभीत हैं~

"सभी मृत्यु से भयभीत हैं, कारण बस इतना है कि हमने अभी जीवन का स्वाद नहीं लिया है। जो व्यक्ति यह जानता है कि जीवन क्या है,वह कभी मृत्यु से नहीं डरता; वह मृत्यु का स्वागत करता है। जब भी मृत्यु आती है वह मृत्यु को गले लगा लेता है, वह मृत्यु का आलिंगन कर लेता है, वह मृत्यु का अभिवादन करता है, वह मृत्यु को एक अथिति की तरह स्वीकार करता है, जिस व्यक्ति ने यह नहीं जाना कि जीवन क्या है, उसके लिए मृत्यु क्षत्रु है; और जो व्यक्ति जानता है कि जीवन क्या है, उसके लिए मृत्यु जीवन का परम उत्थान है।

"लेकिन सभी मृत्यु से भयभीत हैं; वह भी संक्रामक है। तुम्हारे माता-पिता मृत्यु से डरते हैं, तुम्हारे पड़ोसी मृत्यु से डरते हैं। अपने आस-पास इस सतत भय को देखकर छोटे बच्चे भी प्रभावित हो जाते हैं। सभी मृत्यु से डरते हैं। लोग मृत्यु के बारे में बात भी नहीं करना चाहते।  

"दुनिया में केवल दो निषेध रहे हैं: सेक्स और मृत्यु। यह बहुत विचित्र बात है कि क्यों यह दोनों ऐसी निषेधित बातें रहीं हैं जिनके बारे में कोई बात नहीं की जाए, जिन्हें टाल दिया जाए। वे गहराई से जुड़ी हुई हैं। सेक्स जीवन को दर्शाता है क्योंकि सभी कुछ सेक्स से आता है, और मृत्यु अंत को दर्शाती है। और दोनों ही निषेधित रहीं हैं--सेक्स के बारें में बात मत करो और मृत्यु के बारे में भी बात मत करो।"  

Osho,  Walking in Zen, Sitting in Zen, Talk #12

तुम्हारे भीतर मरने के लिए कोई नहीं है

"लोग मृत्यु से नहीं डरते, वे अपनी अलग पहचान खोने से डरते हैं, वे अपना अहंकार खोने से डरते हैं। एक बार जब तुम आस्तित्व से अलग महसूस करने लगते हो, तब मृत्यु का भय खड़ा हो जाता है क्योंकि तब मृत्यु खतरनाक लगने लगती है। तब तुम अलग नहीं रह जाते; तुम्हारे अहंकार, तुम्हारे व्यक्तित्व का क्या होगा? और तुमने इस पहचान को इतनी देखभाल, इतनी मेहनत से बनाया है; तुमने अपना पूरा जीवन इसकी साज-सवांर में लगाया है, और मृत्यु आकर इसे नष्ट कर देगी।     

"यदि तुम समझते हो, यदि तुम देखते हो, यदि तुम ऐसा महसूस और अनुभव कर सकते हो कि तुम इस आस्तित्व से अलग नहीं हो, कि तुम इसके साथ एक हो, तब मृत्यु का सारा भय विलीन हो जाता है क्योंकि तुम्हारे भीतर कोई नहीं है जिसकी मृत्यु हो। पहली बात तो यही है कि भीतर बिल्कुल कोई है ही नहीं, आस्तित्व तुम्हारे द्वारा जीता है।"

Osho,  The Guest, Talk #1

 हँसता हुआ मन
और
हँसता हुआ चेहरा
यही सच्ची संपति है....!!
इस पर

आयकर विभाग की रेड कभी नहीं पड़ती|
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कमरा कितनी भी साफ हो
 "धूल" तो हो ही जाती है,

इंसान कितना भी अच्छा हो
 "भूल" तो हो ही जाती

"हमेैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी   को 'अहमियत' देना चाहिए
क्योंकि जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!

जिंदगी जीने के लिए सबक

 और साथ दोनों जरुरी होता है।


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