हमारे युवा सुबह उठकर
कोलगेट से ब्रश करते हैं
जिलेट से दाढ़ी बनाते हैं
ओल्ड स्पाइस का आप्टरशेव लगाते हैं
पियर्स से नहाते हैं
अंतःवस्त्र जोकी के पहनते हैं
वान हुसैन की कमीज पहनते हैं
पैंट ली वाइस की पहनते हैं
नाश्ते में ओट्स या मैगी खाते हैं
साथ में नेसकैफे या स्टारबक्स की कोफी पीते हैं
मोबाइल सैमसंग या एपल का रखते हैं
चश्मा रेबेन का लगाते हैं
समय राडो या कैशियो की घड़ी में देखते हैं
किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी करते हैं
टोयोटा की कार या होंडा की मोटरसाइकिल से चलते हैं
एपल या लेनोवो का लैपटाप प्रयोग करते हैं
मैक्डोनाल्ड में लंच करते हैं
दिन भर कोक और पेप्सी पीते हैं
शाम को घर आते हुए पत्नी व बच्चों के लिए केएफसी का बर्गर या पिज्जा हट से पिज्जा लेकर आते हैं
और शाम को ब्लैक लेबल की चुस्की लेते हुए आपस में चर्चा करते हैं कि
*यार ये रूपया डॉलर के मुकाबले इतना गिर क्यों रहा है
NOTE: This is only applicable to the youth and
those people who are very well to do, whose income is quite good and those who
can play a positive role to increase the value of rupee against dollar. They must
make efforts, in their own way, to do a bit for increasing the value of rupee against
dollar which will be a great service to the people of India. It will not be out
of place to write here that a considerable people in the Western World are also
turning towards Indian cuisines.
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